भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों (आईसीएमआर) की पहल से ड्रोन ने पहली बार 14 हजार फुट की ऊंचाई पर माइनस 15 डिग्री में उड़ान भर कर अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। इस ड्रोन ने केलांग से करीब 15 किमी दूर ठोलंग पीएचसी के लिए जरूरी मेडिसन को लेकर उड़ान भरी और महज 22 मिनट में मेडिसन की डिलीवरी करके वहां से टीबी और खून के सैंपल लेकर फिर केलांग पहुंच गया। ड्रोन स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को धरातल पर उतारते हुए स्वदेशी ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) लाहुल-स्पीति में इस पर व्यवहार्यता अध्ययन कर रही है।
आईसीएमआर नई दिल्ली और आईसीएमआर क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र. गोरखपुर, फील्ड स्टेशन केलांग के वैज्ञानिक इस दिशा में लगातार प्रयासरत है। गुरुवार को फाइनल ट्रायल उड़ान के दौरान ड्रोन ने पुलिस ग्राउंड केलांग से एंटीबायोटिक्स, एंटीपायरेटिक्स और मल्टीविटामिन सहित आवश्यक दवाओं की 260 से अधिक इकाइयों को सफलतापूर्वक ठोलंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया