विजन 2024 के तहत, 01.04.2023 तक, कुल 251 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाएं (76 नई लाइन, 19 गेज रूपांतरण और 156 दोहरीकरण), 29,147 किमी की कुल लंबाई को कवर करती हैं, जिसकी लागत पूरे देश में 4.92 लाख करोड़ है, जिसमें पूरी तरह से/आंशिक रूप से शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र योजना/मंजूरी/निर्माण चरण में हैं, जिनमें से 9,910 किमी ट्रैक लंबाई चालू हो चुकी है और मार्च 2023 तक 2.45 लाख करोड़ का व्यय किया गया है।
वर्तमान में, रेल मंत्रालय ने दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का निर्माण शुरू किया है। पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (ईडीएफसी) लुधियाना से सोननगर (1337 किलोमीटर) और पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (डब्ल्यूडीएफसी) जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (जेएनपीटी) से दादरी (1506 किलोमीटर) तक। अब तक, डीएफसी की कुल स्वीकृत लंबाई 2843 किमी में से 2196 किमी (ईडीएफसी-1150 किमी और डब्ल्यूडीएफसी-1046 किमी) पूरी हो चुकी है।
भारतीय रेलवे (आईआर) पर ट्रेनों की गति बढ़ाना एक निरंतर प्रयास और एक सतत प्रक्रिया है। आईआर ने अन्य बातों के साथ-साथ यात्री ट्रेनों को एक्सप्रेस सेवाओं और एक्सप्रेस सेवाओं को सुपरफास्ट सेवाओं में परिवर्तित करके ट्रेन सेवाओं को गति देने के लिए आईआईटी-बॉम्बे की सहायता से वैज्ञानिक तरीके से समय सारणी को युक्तिसंगत बनाने का काम भी किया है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने वंदे भारत ट्रेनें शुरू की हैं, जिनमें उच्च गति क्षमता है।
21 जुलाई, 2023 तक 50 वंदे भारत ट्रेनें आईआर नेटवर्क पर शुरू की जा चुकी हैं। वर्तमान में, एक हाई स्पीड रेल परियोजना अर्थात् मुंबई – अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना जापान सरकार के तकनीकी सहयोग और वित्तीय सहायता से शुरू की गई है।
राष्ट्रीय रेल योजना में भविष्य में हाई स्पीड रेल नेटवर्क के संभावित विकास के लिए निम्नलिखित मार्गों का उल्लेख है:
(i) दिल्ली – वाराणसी
(ii) दिल्ली-अहमदाबाद
(iii) मुंबई – नागपुर
(iv) मुंबई – हैदराबाद
(v) चेन्नई – मैसूर
(vi) दिल्ली – अमृतसर
(vii) वाराणसी – हावड़ा
यह जानकारी रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।




















