नई दिल्ली : वर्ष 2025 के दौरान देश की सार्वजनिक वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। सरकारी कंपनियों की आय और मुनाफे में बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे सरकार के वित्तीय संसाधन मजबूत हुए हैं। यह प्रगति बेहतर पूंजी प्रबंधन, रणनीतिक विनिवेश और संस्थागत क्षमता बढ़ाने के प्रयासों का परिणाम मानी जा रही है।
पिछले पाँच वर्षों में सरकारी कंपनियों से मिलने वाला लाभांश लगातार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2024- 25 में सरकार को 74 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लाभांश प्राप्त हुआ, जो तय अनुमान से कहीं ज्यादा है। इससे साफ है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ अब बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं और मुनाफे में योगदान दे रही हैं।
आंशिक हिस्सेदारी बेचकर सरकार ने 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई
इसी क्रम में एक प्रमुख शिपबिल्डिंग कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी बेचकर सरकार ने 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई। इस कदम के बाद कंपनी के शेयर मूल्य में भी सुधार देखने को मिला, जिससे निवेशकों को लाभ हुआ और बाजार का भरोसा बढ़ा।
सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों के अधिकारियों के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए। इन कार्यशालाओं में नेतृत्व क्षमता, प्रभावी संवाद और वित्तीय बाजारों की समझ पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे कर्मचारियों की दक्षता बढ़ी और निवेशकों के साथ बेहतर तालमेल संभव हुआ।
कुल मिलाकर, वर्ष 2025 की इन पहलों से न केवल सरकारी खजाने को मजबूती मिली, बल्कि निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा है। साथ ही सार्वजनिक कंपनियों में दीर्घकालिक विकास और स्थायी मूल्य सृजन की दिशा में अहम कदम उठाए गए हैं।





















