पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश आज कांग्रेस की कुनीतियों का सबसे बड़ा शिकार बन चुका है। जहां एक ओर भाजपा सरकार के समय प्रदेश औद्योगिक निवेश का केंद्र बन रहा था, वहीं अब उद्योगपति पलायन कर रहे हैं, रोजगार के अवसर समाप्त हो रहे हैं और सरकार मंदिरों पर टैक्स थोपकर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था पर जजिया कर जैसा प्रहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि “आज हिमाचल प्रदेश में न उद्योगों के लिए माहौल बचा है, न रोजगार देने की इच्छाशक्ति, और न ही सरकार में नीयत साफ है। प्रदेश का आर्थिक भविष्य कांग्रेस के हाथों बर्बादी की ओर बढ़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय प्रदेश में औद्योगिक विकास की एक स्पष्ट दिशा थी। केंद्र सरकार की IDIP योजना के तहत 1,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ था। लेकिन कांग्रेस की अक्षमता और उपेक्षा के कारण आज हिमाचल से उद्योग पलायन कर रहे हैं।
बिक्रम ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार धारा 118 का दुरुपयोग करके निवेशकों को हतोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में बैठे कुछ दलाल और “चक्कर काटने वाले” इस प्रावधान का उपयोग केवल अपने खास लोगों को फायदा देने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा को इन चेहरों की पूरी जानकारी है और समय आने पर इन्हें सार्वजनिक किया जाएगा।
चुड़धार पर टैक्स – हिंदू आस्था पर वार
उन्होंने सरकार पर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार मंदिरों पर टैक्स थोप रही है। पहले चिंतपूर्णी, नैना देवी जैसे शक्तिपीठों पर टैक्स लगाया गया और अब चुड़धार मंदिर मार्ग पर टैक्स वसूला जा रहा है। यह हिंदुओं की आस्था पर जजिया कर जैसा हमला है। “97% हिंदू आबादी वाले प्रदेश में कांग्रेस सरकार खुलेआम आस्था का अपमान कर रही है। जिस जनता ने इन्हें सत्ता सौंपी, आज उसी पर यह सरकार बोझ बन चुकी है।”
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि जब सरकार उद्योगों से राजस्व नहीं कमा पा रही तो अब वह श्रद्धालुओं और आम नागरिकों से टैक्स वसूलने पर उतर आई है। यह नीति आर्थिक भीख की तरह है – एक ऐसी सरकार की जो न रोजगार दे पा रही है, न विकास कर पा रही है।