सिधिविनायक टाइम्स:शिमला। धर्मशाला में छात्र आंदोलन एक बार फिर उफान पर है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने जोरावर स्टेडियम के बाहर हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कथित सख़्ती को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन का कहना है कि 11 सूत्रीय मांगों को उठाने के बावजूद सरकार न सिर्फ़ संवाद से बच रही है, बल्कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर दमनात्मक कार्रवाई कर छात्रों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है। अभाविप पदाधिकारियों के अनुसार, कॉलेजों में स्टाफ की कमी, छात्रावास सुविधाओं के सुधार और शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता जैसी मूलभूत समस्याओं को लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
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प्रेसवार्ता में परिषद नेताओं ने आरोप लगाया कि बुधवार को हुए घेराव के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश की, जिसके चलते कई छात्र जमीन पर गिर पड़े और महिला छात्रों के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ। अभाविप का कहना है कि यह रवैया न सिर्फ अमानवीय है बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन भी है। संगठन ने चेतावनी दी है कि जब तक छात्रों की मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती और कथित पुलिस दमन के जिम्मेदार अधिकारियों पर जवाबदेही तय नहीं की जाती, तब तक आंदोलन और व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा। अब निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है और छात्रों की मांगों के समाधान के लिए कौन-सा कदम उठाती है।





















