भोपाल | 22 दिसंबर 2025: केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम निर्णय लिया है। विकसित भारत – ग्रामीण रोजगार योजना के तहत अब प्रशासनिक व्यय की सीमा को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है। इसकी जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में विभिन्न राज्यों के रोजगार सहायकों के साथ आयोजित बैठक के दौरान दी।
मंत्री ने बताया कि इस फैसले से मजदूरी भुगतान में देरी की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी और जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे कर्मचारियों की प्रशासनिक कठिनाइयों का समाधान संभव हो सकेगा। योजना के अंतर्गत प्रस्तावित ₹1,51,282 करोड़ के कुल बजट में से अब लगभग ₹13,000 करोड़ की राशि प्रशासनिक एवं मजदूरी संबंधी आवश्यकताओं के लिए उपलब्ध होगी।
मजदूरों को समय पर भुगतान सरकार की प्राथमिकता
शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता ग्रामीण मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि मजदूरी भुगतान के बाद ही अन्य प्रशासनिक खर्च किए जाएंगे। साथ ही गैर-ज़रूरी खर्चों, जैसे वाहनों की खरीद और अनावश्यक सुविधाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
100 से बढ़कर 125 दिन हुआ गारंटीड रोजगार
ग्रामीण रोजगार को और सशक्त करते हुए केंद्र सरकार ने गारंटीड कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी है। इसके अतिरिक्त राज्यों को यह अधिकार भी दिया गया है कि वे खेती के व्यस्त मौसम में अतिरिक्त 60 दिन के कृषि कार्य अधिसूचित कर सकें। इससे ग्रामीण मजदूरों के साथ-साथ किसानों को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
पंचायत स्तर तक पहुंचे योजना की जानकारी
मंत्री ने रोजगार सहायकों से अपील की कि वे इन नए प्रावधानों और बदलावों की जानकारी पंचायत और गांव स्तर तक पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक पात्र परिवार योजना का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि यह योजना अब पहले से कहीं अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बन चुकी है।
आंकड़ों से आगे, जमीनी बदलाव पर जोर
सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रोजगार दिवसों में बढ़ोतरी और बेरोजगारी भत्ते से जुड़े सुधार केवल कागजी नहीं हैं, बल्कि इनके जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण मजदूरी में लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और भविष्य में इसे नियमित रूप से बढ़ाया जाएगा।
चार प्रमुख क्षेत्रों में होंगे कार्य
योजना के तहत निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य किए जाएंगे
- जल संरक्षण एवं प्रबंधन (तालाब, चेक डैम आदि)
- मूलभूत ढांचा विकास (सड़क, स्कूल, अस्पताल, नालियां)
- आजीविका संवर्धन से जुड़े कार्य
- आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा परियोजनाएं
विकसित भारत के लक्ष्य की ओर कदम केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत विज़न के अनुरूप यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करेगी, जिसमें पारदर्शिता, सहभागिता और रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
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