धर्मशाला।
प्रदेश की जनता पर विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनावों का बोझ डालने का जवाब जनता ने अभी चार जून को दिया, जिसमें भाजपा को चार सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह अब देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ में 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव में भी इन क्षेत्रों की जनता भाजपा को करारी शिकस्त देगी। क्योंकि महज 15 महीनों में जनता पर दोबारा से चुनाव का बोझ भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत डाला है। जबकि जनता ने तो इन तीन निर्दलियों को ही नहीं बल्कि इससे पहले के छह पूर्व विधायकों को जिताकर पांच साल के लिए विधानसभा में भेजा था। परन्तु ये सभी भाजपा की रणनीति में शामिल हो गए। भाजपा की इस रणनीति में शामिल हुए कुछ नेता तो अपना राजनीतिक भविष्य ही खत्म कर चुके हैं। यह कहना है हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वाइस प्रेसिडेंट नरेश चौहान का।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वाइस प्रेसिडेंट नरेश चौहान बुधवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा एक साजिश के तहत प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास करना चाहा, लेकिन वे इस खेल में सफल नहीं हुए। देहरा में होने जा रहे उपचुनाव में भी जनता ने इन सभी बातों को ध्यान में रखकर भाजपा को साथ ना देने का निर्णय लेते हुए देहरा के विकास के लिए सरकार के साथ चलने का मन बना लिया है। जनता सिर्फ देहरा का विकास चाहती है, क्योंकि देहरा पिछले कई सालों से विकास के कारण पिछड़ा हुआ है। जनता को अब मालूम चल गया है कि भाजपा सिर्फ लोगों को भ्रमित करने का कार्य करती है।
नरेश चौहान ने देहरा सीट पर कांग्रेस पार्टी हाईकमान की ओर से दिए गए टिकट के सवाल पर कहा कि पार्टी ने दो दिन तक टिकट को होल्ड करके रखा हुआ था, लेकिन तीन बार कराए गए सर्वे में बार बार कमलेश ठाकुर का नाम आगे चल रहा था। इसलिए हाईकमान ने कमलेश ठाकुर को टिकट देने का फैसला लिया। पार्टी हाईकमान चाहता था कि देहरा सीट पर ऐसे चेहरे को टिकट दिया जाए जो जीतने का दम रखता हो। उन्होंने कहा कि कमलेश ठाकुर ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान देहरा की जनता से कहा है कि देहरा के विकास के लिए प्रदेश सरकार के साथ जुड़कर विकास के नए आयाम लिखे जाएंगे।
नरेश चौहान ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार इस बार दो बैसाखियों पर टिकी हुई है, इसमें एक बैसाखी नीतीश कुमार के हाथ में है और दूसरी चंद्रबाबू नायडू के हाथ में। ये दोनों कब अपनी बैसाखी खींच लेंगे किसी को मालूम नहीं। उन्होंने कहा कि लोकसभा के इस चुनाव में बेशक इंडिया गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाया लेकिन विपक्ष काफी मजबूत हुआ है। देश की जनता ने भाजपा को जवाब देते हुए लोकतंत्र को मजबूत किया है। इस बार के चुनाव में ईडी, सीबीआई का मॉडल फेल हो गया है। राम मंदिर पूर्ण रूप से निर्मित नहीं होने के बावजूद भाजपा की ओर से मंदिर का शुभारम्भ करना इस चुनाव में इतना भारी पड़ा कि भाजपा को अयोध्या में ही हार का सामना करना पड़ा। इस अवसर पर कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र के मीडिया कोर्डिनेटर संजीव गांधी और पुनीत मल्ली भी मौजूद थे।