पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने जो चार नई श्रम संहिताएँ लागू की हैं, वे देश के मेहनतकश लोगों के जीवन में बड़ा और सकारात्मक बदलाव लाएँगी। उनके अनुसार, यह सिर्फ कानूनों का सुधार नहीं, बल्कि श्रमिकों को अधिक सुरक्षा, सम्मान और अधिकार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
ठाकुर ने कहा कि देश के मजदूर भारत की तरक्की और आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा व स्वास्थ्य संहिता लागू की हैं। इससे मजदूरों के अधिकार और मजबूत होंगे और उद्योगों में भी उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, नए भारत में श्रमिक कमजोर नहीं, बल्कि सशक्त है।
उन्होंने कहा कि नई श्रम संहिताएँ संगठित, असंगठित और गिग वर्कर्स जैसे सभी तरह के श्रमिकों को अधिक सुरक्षा और बेहतर सुविधाएँ देने के लिए बनाई गई हैं। इसका मूल उद्देश्य है कि हर कामगार को समय पर वेतन, सुरक्षित माहौल और सम्मान मिले। ठाकुर ने कहा, नए भारत में श्रमिक कमजोर नहीं, बल्कि सशक्त है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इन कानूनों में कई अहम सुधार शामिल हैं जैसे न्यूनतम वेतन की मजबूती, नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य, ओवरटाइम का दोगुना भुगतान, 1 साल में ग्रेच्युटी का प्रावधान, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अधिकारों में शामिल करना, मुफ्त स्वास्थ्य जांच और श्रमिकों के परिवार के दायरे को बढ़ाना।
इसके अलावा, मजदूरों के शोषण पर रोक लगाने, कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाने और पुराने ‘इंस्पेक्टर राज’ जैसी परेशानियों को खत्म करने की दिशा में भी बड़ी पहल की गई है। दूसरी तरफ उद्योगों को अनावश्यक कानूनी उलझनों से राहत दी गई है ताकि वे आसानी से अपना कारोबार बढ़ा सकें। ठाकुर ने कहा कि इन नए श्रम कानूनों के साथ मोदी सरकार एक आधुनिक, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की ओर बढ़ रही है, जहाँ श्रमिक ही देश को आगे ले जाने वाली सबसे बड़ी शक्ति बनेंगे।




















