प्रदेश सरकार के नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने नीतिगत और साहसिक निर्णय लेकर पेंशनरों की वर्षों से लंबित देनदारियों के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। यह जानकारी उन्होंने घुमारवीं में आयोजित राज्य स्तरीय पेंशनर दिवस समारोह में दी।
पेंशनरों को दी गई प्राथमिकता
राजेश धर्माणी ने कहा कि सरकार ने अत्यंत कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद उन वर्गों को प्राथमिकता दी है, जिन्होंने जीवन का सर्वोच्च समय प्रदेश और देश की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने बताया कि 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों की लंबित देनदारियों और चिकित्सा बिलों का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया गया।
मंत्री ने यह भी कहा कि पिछली सरकारों के दौरान कर्मचारियों और पेंशनरों से जुड़ी देनदारियां, पेंशन बकाया और चिकित्सा प्रतिपूर्ति लंबे समय से लंबित थीं। वर्तमान सरकार ने स्पष्ट निर्णय लिया कि इन समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
वित्तीय संतुलन और संसाधनों का बेहतर उपयोग
राजेश धर्माणी ने बताया कि संसाधनों की कमी के बावजूद सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए। शराब ठेकों की नीलामी प्रक्रिया पुनः शुरू की गई और पर्यटन क्षेत्र की घाटे में चल रही संपत्तियों को सुदृढ़ किया गया। इसके अलावा, न्यायालयों में प्रदेश का मजबूत पक्ष रखने से राज्य के हित में फैसले आए, जिससे हर वर्ष हजारों करोड़ रुपये की आय सुनिश्चित हो रही है
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक योजनाओं को बल
मंत्री ने कहा कि सरकार केवल वित्तीय संतुलन पर ध्यान नहीं दे रही, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने पर भी काम कर रही है। पशुपालकों के लिए दूध के मूल्य में वृद्धि, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन और प्रमुख फसलों के लिए आकर्षक समर्थन मूल्य तय किए गए हैं। इससे किसानों और ग्रामीण परिवारों की आय में वास्तविक सुधार हुआ है।
साथ ही, अनाथ बच्चों को मासिक सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। दिव्यांगजन और आश्रितों के लिए पेंशन से जुड़ी आय सीमा हटाकर उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया गया है।





















