नई दिल्ली: प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने 19 से 25 दिसंबर तक मनाए जाने वाले सुशासन सप्ताह 2025 की औपचारिक शुरुआत कर दी है। इस अवसर पर विभाग की सचिव रचना शाह ने देशभर में चलाए जाने वाले ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। इसके साथ ही एक सप्ताह तक चलने वाले विशेष प्रशासनिक प्रयासों की शुरुआत हुई, जिनका उद्देश्य नागरिकों को बेहतर, तेज़ और प्रभावी सेवाएं उपलब्ध कराना है।
सुशासन अब विचार नहीं, परिणाम आधारित पहल
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव रचना शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर मनाया जाने वाला सुशासन सप्ताह अब केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं रह गया है। यह अब एक कार्य-केंद्रित और परिणामोन्मुख अभियान बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुशासन की असली पहचान तभी होती है, जब सरकारी सेवाएं समय पर लोगों तक पहुंचें और उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान हो।
‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान पर विशेष फोकस
इस वर्ष सुशासन सप्ताह का मुख्य आधार ‘प्रशासन गांव की ओर’ पहल है। इसके तहत देशभर के जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट तहसील, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। इन शिविरों के जरिए आम नागरिकों और प्रशासन के बीच सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है, ताकि समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो सके।
यह अभियान दो चरणों में चलाया जा रहा है
- तैयारी चरण: 11 से 18 दिसंबर
- कार्यान्वयन चरण: 19 से 25 दिसंबर
शिकायत निवारण और सेवा वितरण पर निगरानी
कार्यान्वयन चरण के दौरान जिलों से प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट मांगी जा रही है। इसमें शिकायतों के निपटान, सेवा वितरण आवेदनों की संख्या, ऑनलाइन सेवाओं के विस्तार और अच्छी प्रशासनिक प्रथाओं का विवरण शामिल है। वहीं तैयारी चरण में जिलों ने अभियान पोर्टल पर आवश्यक जानकारी अपलोड करना शुरू कर दिया है।
राज्यों और जिलों की उल्लेखनीय प्रगति
- 17 दिसंबर 2025 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार,
- 2.11 लाख से अधिक शिकायतों का समाधान किया गया
- 21.71 लाख से ज्यादा सेवा आवेदनों का निपटान हुआ
- देशभर में 330 शिकायत निवारण शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की गईं
इसके साथ ही 137 अच्छी सुशासन प्रथाओं और 21 सफलता की कहानियों की पहचान की गई है।
23 दिसंबर को जिला स्तरीय कार्यशालाएं
अभियान के अगले चरण में 23 दिसंबर 2025 को सभी जिलों में विशेष प्रसार कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इनमें ‘जिला-100’ विषय पर चर्चा, पिछले पांच वर्षों की सफल सुशासन पहलों की प्रस्तुति और नागरिकों व विशेषज्ञों के साथ संवाद किया जाएगा।
पिछले वर्ष की सफलता का हवाला
सचिव रचना शाह ने बताया कि सुशासन सप्ताह 2024 के दौरान देशभर में 18 लाख से अधिक शिकायतों का समाधान किया गया था और लगभग 3 करोड़ सेवा आवेदनों पर कार्रवाई हुई थी। इसे प्रशासनिक जवाबदेही में सुधार का बड़ा उदाहरण बताया गया। कार्यक्रम को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने संबोधित किया, जबकि बिहार के मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने विचार रखे। विभिन्न राज्यों और जिलों की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान के व्यापक स्वरूप को दर्शाया। अतिरिक्त सचिव पुनीत यादव ने अधिकारियों से इस पहल को मिशन मोड में लागू करने की अपील की।
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