इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ईद ए मिलाद उन नबी तीसरे महीने में रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष 28 सितंबर को ईद ए मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जा रहा है।
इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए 28 सितंबर को दिन बहुत खास है। विश्वभर में 28 सितंबर को ईद ए मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मुहम्मद पैगम्बर से जुड़ा पर्व है। इस दिन को इस्लाम धर्म के अनुयायी अल्लाह की इबादत के लिए महत्वपूर्ण दिन मनाते हैं। लोग घर और मस्जिदों में पवित्र कुरान पढ़ते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद देते हैं। कहते हैं कि इस दिन पवित्र कुरान के पाठ से अल्लाह का रहम बरसता है।
क्यों मनाते हैं ईद-ए-मिलाद
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से ही इस पर्व का कारक स्पष्ट है। अरबी भाषा के इस शब्द का अर्थ, ‘जन्म’ और मिलाद-उन-नबी का अर्थ है ‘हजरत मुहम्मद साहब का जन्म’। माना जाता है कि इसी दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था। इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए ये काफी महत्वपूर्ण पर्व है लेकिन इस्लाम में इस पर्व को लेकर कुछ मतभेद भी है।
कौन हैं पैगंबर हजरत मुहम्मद
पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म अरब के रेगिस्तान के मक्का शहर में 570 ईस्वी में हुआ था। जन्म से पहले ही उनके पिता और बाद में 6 वर्ष की आयु में मां की मृत्यु हो गई थी। पैगंबर मोहम्मद इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर हैं। उनका विश्वास था कि अल्लाह ने उन्हें अपने संदेशवाहक के रूप में चुना है, इस कारण वह जीवनभर दूसरों को अल्ला का संदेश और कुराब की शिक्षा देते रहे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मिलाद-उन-नबी पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि हमारे समाज में भाईचारे एवं दयालुता की भावना सदा आगे बढ़े।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;
“मिलाद-उन-नबी पर बधाई। समाज में भाईचारे एवं दयालुता की भावना सदा आगे बढ़े। यही कामना है कि ‘सभी खुश और स्वस्थ रहें।’ ईद मुबारक!”