नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संसद से “विकसित भारत–G RAM G” विधेयक पारित करवा लिया है। इस विधेयक का उद्देश्य गांवों में रोज़गार की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करना और साथ-साथ स्थायी विकास को बढ़ावा देना है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि जब तक गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।
गांवों के विकास से ही बनेगा विकसित भारत
केंद्रीय मंत्री ने महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार लगातार ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि VB–G RAM G विधेयक इसी सोच का परिणाम है, जो गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगा।
हर ग्रामीण परिवार को 125 दिन का रोज़गार
इस विधेयक के तहत अब हर ग्रामीण परिवार को साल में 125 दिन का रोज़गार कानूनी रूप से सुनिश्चित किया गया है। यदि तय समयसीमा के भीतर काम उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो संबंधित परिवार को बेरोज़गारी भत्ता देने का प्रावधान भी किया गया है। सरकार का कहना है कि इससे ग्रामीण लोगों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
पुरानी समस्याओं को दूर करने पर ज़ोर
मंत्री ने बताया कि पिछली योजनाओं में भुगतान में देरी, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कमजोरियों जैसी समस्याएं सामने आई थीं। नए विधेयक में इन कमियों को दूर करने के लिए सख्त नियम और बेहतर निगरानी व्यवस्था लागू की गई है, ताकि लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे।
रोज़गार के साथ स्थायी विकास पर ध्यान
यह योजना केवल अस्थायी रोज़गार तक सीमित नहीं है। इसके अंतर्गत
- जल संरक्षण
- ग्रामीण सड़क निर्माण
- सिंचाई सुविधाएं
- आजीविका से जुड़ा ढांचा
- आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्य
जैसे विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। सरकार का उद्देश्य है कि रोजगार के साथ-साथ गांवों की बुनियादी सुविधाएं भी मजबूत हों।
ग्राम सभा को मिली अहम भूमिका, खेती के मौसम में राज्यों को लचीलापन
विधेयक में ग्राम सभा को निर्णय प्रक्रिया का केंद्र बनाया गया है। कौन-सा काम होगा, इसका चयन गांव स्तर पर किया जाएगा और ग्राम सभा की मंज़ूरी अनिवार्य होगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। खेती के व्यस्त समय को ध्यान में रखते हुए राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे बुवाई और कटाई के दौरान योजना के तहत काम अस्थायी रूप से रोक सकें। इससे किसानों को मजदूरों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिए जा सकेंगे।
तकनीक का उपयोग, पारदर्शिता के लिए
वित्तीय प्रबंधन और निगरानी को मजबूत करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति, जियो-टैगिंग और रियल-टाइम डैशबोर्ड जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन उपायों का उद्देश्य किसी को बाहर करना नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार रोकना और पारदर्शिता बढ़ाना है। ग्राम सभा के माध्यम से सामाजिक अंकेक्षण को और मजबूत किया गया है। इससे समुदाय खुद निगरानी करेगा और यह सुनिश्चित होगा कि योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
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