नई दिल्ली: आयकर विभाग ने फर्जी कर कटौतियों और छूट के दावों पर लगाम लगाने के लिए डेटा आधारित प्रणाली को और मजबूत किया है। इसका उद्देश्य उन मामलों की पहचान करना है, जहां दान या अन्य कटौतियों के नाम पर गलत तरीके से कर लाभ लिया जा रहा है।
फर्जी रिटर्न दाखिल कराने वाले नेटवर्क पर नजर
जांच में सामने आया है कि कुछ बिचौलिये और एजेंट कमिशन के लालच में करदाताओं के लिए गलत जानकारी के आधार पर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। कई मामलों में ऐसे ट्रस्ट, संस्थाएं या संगठन पाए गए हैं जो कागजों में पंजीकृत तो हैं, लेकिन वास्तविक रूप से कोई गतिविधि नहीं करते, फिर भी दान के नाम पर बड़े कर लाभ के दावे किए जा रहे हैं।
डेटा विश्लेषण से संदिग्ध दावों की पहचान
आयकर विभाग ने उन्नत डेटा विश्लेषण के जरिए ऐसे मामलों को चिन्हित किया है, जहां कटौती से जुड़े दावे असामान्य या संदिग्ध पाए गए। खास तौर पर दान आधारित कटौतियों में यह देखा गया कि कुछ करदाता संस्थाओं की वास्तविकता से जुड़े जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पा रहे थे। इन संकेतों के बाद कई करदाताओं ने अपने चालू वित्त वर्ष के रिटर्न में सुधार किया है और पुराने रिटर्न भी अपडेट किए हैं।
‘NUDGE’ अभियान के तहत सुधार का अवसर
करदाताओं को परेशानी से बचाने के लिए विभाग ने एक जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसके तहत उन्हें स्वेच्छा से गलतियों को सुधारने का मौका दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत करदाताओं को संदेश और ई-मेल भेजकर सलाह दी जा रही है कि वे अपने रिटर्न की दोबारा जांच करें और यदि कोई त्रुटि हो तो समय रहते उसे ठीक करें। साथ ही, यह भी कहा गया है कि करदाता अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल की जानकारी सही रखें ताकि विभाग की ओर से भेजी गई सूचनाएं उन्हें समय पर मिल सकें।
NEWS से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स के लिए SidhiVinayaktimes पर विजिट करते रहें और हमें यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, और ट्विटर (X) पर भी फॉलो करें।




















