सिद्धबाड़ी मंडल की हिन्दू सम्मेलन समिति द्वारा रविवार को श्री दरुणी माता मंदिर, रक्कड़ परिसर में भव्य हिन्दू सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। यह सम्मेलन सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक चला, जिसमें सिद्धबाड़ी और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में हिन्दू समाज के लोगों ने भाग लिया।
शांति हवन और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत शांति हवन और दीप प्रज्वलन के साथ की गई। इसके बाद मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष कर्नल दुर्गा सिंह थापा ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और भारतीय संस्कृति व मूल्यों को मजबूत करना है।
“पंच परिवर्तन” पर दिया गया मार्गदर्शन
कार्यक्रम में प्रोफेसर भाग चंद जी ने “पंच परिवर्तन” विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने नागरिक कर्तव्य, आत्मबोध, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और कुटुम्ब प्रबोधन को आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।
आचार्य पंडित संदीप जी के प्रवचनों से मिला आध्यात्मिक संदेश
खंडोता आश्रम से पधारे आचार्य पंडित संदीप जी ने सनातन धर्म और अध्यात्म पर प्रभावशाली प्रवचन दिए। उन्होंने संस्कारों की महत्ता, आत्मचिंतन और समाज में एकता बनाए रखने का संदेश दिया। उनके प्रवचनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
सामाजिक सरोकार और महिला सशक्तिकरण पर जोर
सामाजिक कार्यकर्ता सूरज जी ने समाज के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए युवाओं सहित सभी वर्गों से सकारात्मक बदलाव में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
वहीं, महिला सशक्तिकरण विषय पर मीना चौहान ने अपने संबोधन में नारी शक्ति, आत्मनिर्भरता और समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन
इस अवसर पर सांई स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। बच्चों की प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा।समिति के संयोजक बृजेश परिहार, सह-संयोजक नरेंद्र पॉल, विशेष एवं निक्कू राम ने बताया कि सम्मेलन की सफलता में स्थानीय समाज के सभी वर्गों का अहम योगदान रहा। योल खंड संघ के खंड कार्यवाह नरेन्द्र, अरुण, अमित कंवर, सुमन सहित कई गणमान्य लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे।
भंडारे के साथ हुआ समापन
सम्मेलन के समापन के बाद श्रद्धालुओं के लिए भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। अंत में आयोजकों ने सामाजिक एकता, सांस्कृतिक जागरूकता और राष्ट्र निर्माण के लिए ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित करने का संकल्प व्यक्त किया।





















