दिल्ली-एनसीआर में लगातार बनी वायु प्रदूषण की चुनौती को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने संबंधित राज्य सरकारों और दिल्ली प्रशासन के साथ एक अहम समीक्षा बैठक की। बैठक का उद्देश्य प्रदूषण कम करने के लिए लागू उपायों की प्रगति का आकलन करना और जमीनी स्तर पर उनकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करना था।
समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य
इस बैठक में दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत समीक्षा की गई। अलग-अलग राज्यों और एजेंसियों से उनके क्षेत्र में लागू नियंत्रण उपायों की वर्तमान स्थिति पर जानकारी ली गई और जहां कमी पाई गई, वहां सुधार के निर्देश दिए गए।
दिल्ली प्रशासन के लिए प्रमुख निर्देश
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण को और मजबूत करने के लिए आयोग ने कई अहम कदम उठाने के निर्देश दिए। भीड़भाड़ वाले इलाकों में नियमित निरीक्षण बढ़ाने, सड़कों की धूल को कम करने के लिए वैक्यूम मशीनों से सफाई, और नगर निगमों द्वारा कचरा प्रबंधन को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही खुले में कचरा और बायोमास जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए रात में निगरानी बढ़ाने तथा ईंधन स्टेशनों पर आधुनिक निगरानी प्रणालियों के जरिए वाहनों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए।
हरियाणा के एनसीआर जिलों पर चिंता
आयोग ने हरियाणा के कुछ एनसीआर जिलों में यातायात जाम, सड़क धूल और कचरा प्रबंधन को लेकर पर्याप्त कार्रवाई न होने पर चिंता जताई। संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया गया कि वे विशेष टीमों के जरिए नियमित निरीक्षण करें और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें।
उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लिए सुझाव
उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों को अपेक्षाकृत संतोषजनक बताया गया। हालांकि, वाहनों और डिलीवरी सेवाओं की निगरानी को और प्रभावी बनाने के लिए तय समय-सीमा में तकनीकी प्लेटफॉर्म लागू करने के निर्देश दिए गए। लापरवाही की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। आयोग ने सभी राज्यों और एजेंसियों से आधुनिक तकनीक अपनाने की अपील की। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल निगरानी प्रणालियों के उपयोग से प्रदूषण पर नजर रखने, डेटा विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई को और बेहतर बनाने पर विशेष बल दिया गया।
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