नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश इन वीर जवानों के साहस, बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा को कभी नहीं भूल सकता। अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए संदेश में कहा कि 13 दिसंबर का दिन हमें आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों के अद्वितीय साहस और वीरता की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में आतंकियों ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, संसद भवन पर हमला किया था, लेकिन सतर्क और बहादुर जवानों ने इस हमले को नाकाम कर दिया।
सुरक्षा बलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया- अमित शाह
गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और संसद भवन के साथ-साथ देश के लोकतंत्र की रक्षा की। इस दौरान कई जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी और देश को एक बड़ा संकट टलने में सफलता मिली।उन्होंने शहीद जवानों को नमन करते हुए कहा कि उनका सर्वोच्च बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। अमित शाह ने कहा कि भारत अपने वीर सपूतों के त्याग और समर्पण का सदैव ऋणी रहेगा।
आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है- अमित शाह
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि संसद हमले के दौरान सुरक्षा बलों का साहस और कर्तव्यपरायणता यह दर्शाती है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है और किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। 13 दिसंबर 2001 का संसद हमला देश के इतिहास की सबसे गंभीर आतंकवादी घटनाओं में से एक माना जाता है। हर साल इस दिन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है और देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहने का संकल्प दोहराता है। अंत में अमित शाह ने कहा कि शहीद जवानों का बलिदान देश के इतिहास में हमेशा अमर रहेगा और राष्ट्र उनके प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा।
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