प्रधानमंत्री ने अपने हालिया संबोधन में कहा कि भारतीय नौसेना के ध्वज पर लंबे समय तक ऐसे निशान बने रहे जिनका भारत की संस्कृति, विरासत या सामर्थ्य से कोई सीधा संबंध नहीं था। उन्होंने बताया कि अब उन सभी प्रतीकों को हटाकर भारत के गौरवशाली इतिहास और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को ध्वज पर स्थान दिया गया है। प्रधानमंत्री के अनुसार यह केवल ध्वज बदलने का कदम नहीं, बल्कि मानसिकता बदलने का महत्वपूर्ण क्षण है। यह घोषणा है कि भारत अब अपनी पहचान विदेशी प्रतीकों से नहीं, बल्कि अपने मूल्यों और अपनी परंपराओं से तय करेगा।
अयोध्या विकास के मार्ग लगातार गतिशील होता जा रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि वही परिवर्तन आज अयोध्या में भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गुलामी की मानसिकता ने वर्षों तक भगवान राम के आदर्शों को किनारे कर दिया, जबकि राम भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा हैं। ओरछा के राजा राम से लेकर रामेश्वरम के भक्त राम तक, शबरी के प्रभु राम से लेकर मिथिला पहुंचे राम जी तक भगवान राम एक संपूर्ण मूल्य प्रणाली हैं। हर भारतीय के दिल में, हर घर में और इस देश के हर कण में राम बसते हैं। प्रधानमंत्री ने दुख जताया कि कभी ऐसी मानसिकता भी रही जिसने भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिए।
उन्होंने आग्रह किया कि अगर भारत अगले दस वर्षों में पूरी तरह गुलामी की सोच से मुक्त होने का संकल्प ले, तो आत्मविश्वास की ऐसी रोशनी फैलेगी कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को कोई रोक नहीं पाएगा। आने वाले हजार वर्षों की मजबूत नींव तभी पड़ी मानी जाएगी, जब अगले एक दशक में मैकाले द्वारा बोई गई मानसिक गुलामी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला मंदिर परिसर लगातार भव्य रूप ले रहा है और शहर की सुंदरता तेजी से बढ़ रही है। अयोध्या एक बार फिर दुनिया के सामने मिसाल बनने की ओर बढ़ रही है। त्रेता युग में अयोध्या ने मानवता को सीख दी थी; अब 21वीं सदी में अयोध्या विकास का नया मॉडल पेश कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य की अयोध्या में परंपरा और आधुनिकता दोनों के लिए जगह होगी। यहां सरयू नदी की पवित्र धारा और विकास की नई राहें साथ-साथ बहेंगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या आध्यात्मिकता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे आधुनिक क्षेत्रों के बीच संतुलन का प्रतीक बनेगी। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ मिलकर नई अयोध्या की पहचान बना रहे हैं। भव्य एयरपोर्ट, आधुनिक रेलवे स्टेशन, वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों की सुविधाएं अयोध्या को देश के बाकी हिस्सों से और मजबूती से जोड़ रही हैं। शहर में रहने वाले लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए लगातार काम हो रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद लगभग 45 करोड़ श्रद्धालु यहां आ चुके हैं, जिससे व्यापार बढ़ा है और लोगों की आय में सुधार हुआ है। कभी विकास में पीछे रहने वाला शहर आज उत्तर प्रदेश के अग्रणी शहरों में गिना जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा : भगवान राम के विचार देश को राह दिखाते रहेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का यह दौर भारत के लिए बहुत अहम है। उन्होंने बताया कि आज़ादी के बाद के सात दशकों में भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, वहीं पिछले 11 वर्षों में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन जाएगा। आने वाले वर्षों में अवसरों की कमी नहीं होगी और भगवान राम के विचार देश को राह दिखाते रहेंगे।
उन्होंने भगवान राम के रथ का उदाहरण देकर कहा कि विकसित भारत का सफर भी उसी रथ की तरह होगा, जिसके पहिए साहस और धैर्य हों, ध्वज सत्य और नैतिकता हो, घोड़े शक्ति, बुद्धि, अनुशासन और सेवा भावना हों, और लगाम करुणा, क्षमा और समानता की हो। यही मार्ग भारत को आगे बढ़ाने वाला है एक ऐसा भारत जहां राष्ट्रहित हमेशा सर्वोपरि रहे।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा कई अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
SOURCE: PIB



















