31 अक्तूबर — राष्ट्रीय एकता दिवस
31 अक्तूबर 2025 को देश सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है। स्वतंत्र भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल ने 560 रियासतों को भारत में मिलाकर देश को एक सूत्र में पिरोया। इसी योगदान के कारण उन्हें “भारत की एकता का लौह पुरुष” कहा जाता है।
उनकी स्मृति में भारत सरकार ने वर्ष 2014 से 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की। इस अवसर पर देशभर में “रन फॉर यूनिटी”, प्रतिज्ञा समारोह और एकता परेड आयोजित की जाती है।
सरदार पटेल का मानना था कि “एकता के बिना जनशक्ति कोई शक्ति नहीं है।” उन्होंने विविधता में एकता को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया। यही भावना आज भी देश के सुरक्षा बलों — बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी — के माध्यम से जीवित है, जो सीमाओं से लेकर देश के भीतर तक एकता और सुरक्षा के प्रहरी हैं।
नर्मदा किनारे स्थित 182 मीटर ऊँची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल के योगदान की प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “अतीत को समर्पित स्मारक नहीं, बल्कि भविष्य की प्रतिज्ञा” बताया था।
सरकार “एक भारत श्रेष्ठ भारत” जैसे अभियानों के माध्यम से पटेल की सोच को आगे बढ़ा रही है। 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करने की ओर बढ़ते भारत के लिए उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है —
“एक भारत, एक दृष्टि, एक संकल्प।”
 
			 
    	
 
                                 
                                










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