सिद्धिविनायक टाइम्स शिमला। शिमला, 23 दिसंबर 2025: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट फूड को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कुमार कश्यप ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, समर हिल, शिमला में आयोजित स्ट्रीट फूड विक्रेता प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत का स्ट्रीट फूड न केवल लोगों की आजीविका का साधन है, बल्कि देश की विविध संस्कृति और “अनेकता में एकता” का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्ट्रीट वेंडर्स को स्वच्छता, गुणवत्ता, पर्सनल हाइजीन और रेडी–ठेले की साफ-सफाई के बारे में विशेष जानकारी दी गई। सांसद कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री स्व–निधि योजना, विश्वकर्मा योजना और स्वरोजगार आधारित योजनाओं से वेंडर्स को विशेष लाभ मिल रहा है। उन्होंने डिजिटल भुगतान, स्टार्टअप और स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से युवाओं को नौकरी देने वाले बनने के अवसर मिलने पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार होगा।
कार्यक्रम के अंत में सांसद सुरेश कश्यप ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को प्रमाणपत्र वितरित किए। प्रमाणपत्र प्राप्त करने वालों में राम देव चौहान, भरत सिंह, रामेश्वर, राम विष्णु, राम शंकर और राकेश शामिल रहे। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह, अंकेश मिश्र, वीरेंद्र चौहान, जितेंद्र सांझटा, भाजपा नेता कमलजीत सूद, केशव चौहान सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और स्ट्रीट वेंडर्स उपस्थित रहे। सुनील चौपाल, जो सीता रिपन अस्पताल के पास मोमो का स्टॉल लगाते हैं, ने प्रशिक्षण के दौरान अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा कि उन्हें साफ-सफाई और भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की महत्वपूर्ण जानकारी मिली।यह कार्यशाला स्ट्रीट फूड वेंडर्स की आजीविका को मजबूत करने, स्वच्छता और गुणवत्ता के मानक बढ़ाने और हिमाचल प्रदेश के समृद्ध स्ट्रीट फूड को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक साबित होगी।




















