हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए काउंसिलिंग तो शुरू हो चुकी है, लेकिन कुछ छात्रों के पुनर्मुल्यांकन का परिणाम घोषित न होने से उनके भविष्य पर संकट आ रहा है। हमेशा से ही एचपीयू की कार्यप्रणाली अधिकतर विवादों के घेरे में ही रहती है। अगले सत्र के लिए उच्चतम कक्षाओं में प्रवेश परीक्षा पास कर लेने के बाद काउंसिलिंग सिर पर है और पिछली कक्षा के परिणाम का पता नहीं। ऐसे में विद्यार्थियों को दो साल बर्बाद होने का डर सताने लगा है। यह स्थिति है बीएससी नॉन मैडिकल अंतिम वर्ष के उन विद्यार्थियों की जिन्होंने पुनर्मुल्यांकन हेतु आवेदन किया है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2022 की वार्षिक परीक्षाओं में री अपीयर आने पर पुनः ये परीक्षाएं दिसंबर में दी।
इसका परिणाम सही न होने पर मार्च 2023 में पुनर्मुल्यांकन हेतु आवेदन किया है। पांच माह के बाद भी पुनर्मुल्यांकन का परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है। जबकि ऐसे विद्यार्थियों ने बीएड और एमएससी में प्रवेश परीक्षा पास कर ली है। उसके लिए कांउंसलिंग सिर पर है, लेकिन पिछले परिणाम बारे कोई स्पष्टता न होने के चलते इनके भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए एचपीयू प्रशासन ने काउंसलिंग का शेड्यूल जारी कर दिया है और सोमवार से इसकी प्रक्रिया शुरू भी हो गई।
काउंसिलिंग 24 जुलाई से 5 अगस्त तक चलेगी। हिमाचल विश्वविद्यालय ने स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। बीए, बीएससी और बीकॉम के घोषित परिणाम में एचपीयू ने तीनों डिग्री कोर्स की मेरिट अभी तक जारी नहीं की है। कुछ परिणाम रोलनंबर, सब्जेक्ट कोड में रही खामियों के अलावा अवार्ड न पहुंच पाने जैसी दिक्कतों के कारण पूरे घोषित नहीं हो पाए हैं। हालांकि विवि प्रशासन अपने विवि में पीजी कोर्स की काउंसलिंग में आवश्यकता अनुसार विभागों की मांग पर गोपनीय परिणाम उपलब्ध करवाने का दावा कर रहा है, लेकिन बाहरी राज्यों में अपीयर होने वाले उन छात्रों के लिए विवि कैसे यूजी डिग्री और अंतिम वर्ष का परिणाम देगा, जिनके परिणाम अभी घोषित नहीं हो पाए हैं। रोज बड़ी संख्या में ऐसे छात्र विवि की परीक्षा शाखाओं में चक्कर काट रहे है कि किसी तरह उनका परिणाम घोषित हो जाए।