हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना राज्य की आर्थिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है। भाजपा प्रवक्ता राकेश डोगरा ने कहा कि इतने बड़े और प्रतिष्ठित संस्थान में वेतन का लगातार लेट होना चिंता की बात है। सरकार की नाकामी को दिखाता है। डोगरा के अनुसार, वित्त वर्ष 2025–26 में अप्रैल, जुलाई, सितंबर और अक्तूबर माह का वेतन प्रशासनिक कारणों से समय पर नहीं दिया गया। केवल मई, जून और अगस्त में ही समय पर भुगतान हुआ। उन्होंने कहा कि यह साफ दिखाता है कि सरकार अनुदान समय पर जारी नहीं कर रही और विश्वविद्यालय प्रशासन भी संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं कर पाया।
अनुदान का भारी बजट, फिर भी वेतन लटका
उन्होंने बताया कि इस साल विश्वविद्यालय कर्मचारियों के वेतन के लिए ₹1,52,20,02,000 का प्रावधान किया गया था, जिसमें से नवंबर 2025 तक ₹82,79,57,100 खर्च भी किए जा चुके हैं। इसके बावजूद वेतन का समय पर न आना सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
सरकार की दावों पर निशाना
डोगरा ने बताया कि बिल नंबर 100657, दिनांक 30 अक्टूबर 2025, जिसकी राशि ₹31,35,44,400 है, अभी तक कोष विभाग में लंबित पड़ा है। इसी कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा और उनके सामने आर्थिक परेशानी खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधर रही है, लेकिन विश्वविद्यालय जैसे महत्वपूर्ण संस्थान को भी समय पर वेतन न दे पाना इन दावों की पोल खोल देता है।
डोगरा के द्वारा की गयी मांगे
• लंबित बिल को तुरंत आहरित किया जाए
• कर्मचारियों को बिना देरी वेतन दिया जाए
• और इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर कर्मचारियों की आवाज उठाएगी और उनके हितों की रक्षा सुनिश्चित करेगी।


















