धर्मशाला | शीतकालीन सत्र: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को बिना किसी तय तारीख के आगे के लिए रोक दिया गया। धर्मशाला के तपोवन में हुआ यह सत्र इस बार कई वजह से खास रहा। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुख्खू ने कहा कि “कांगड़ा के इतिहास में यह सबसे लंबा, आठ दिन चलने वाला सत्र रहा। इसमें वॉकआउट भी हुए और जनता के मुद्दों पर खुलकर चर्चा भी हुई।”
मुख्यमंत्री ने सत्र को अच्छे तरीके से चलाने के लिए कांगड़ा की जनता, स्थानीय प्रशासन और मीडिया का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक चली गरमागरम बहसों के बावजूद सत्र ने कई अहम मुद्दों पर अच्छी चर्चा का मौका दिया।
सत्र के दौरान तपोवन परिसर में खूब राजनीतिक गतिविधियाँ रहीं। नेताओं के बयान, विधायकों की हलचल और जनता के मुद्दों पर लगातार उठते सवालों की वजह से माहौल काफी सक्रिय बना रहा। अब जब सत्र खत्म हो गया है, परिसर में धीरे-धीरे सामान्य सन्नाटा लौटने लगा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आठ दिनों तक चली ये बहसें आने वाले महीनों में प्रदेश की नीतियों और फैसलों को काफी हद तक प्रभावित कर सकती हैं।





















