25,000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक के साथ बनाया राष्ट्रीय रिकॉर्ड
चंबा जिले के छोटे से गांव रेटा की रहने वाली एथलीट सीमा ने एक बार फिर अपने असाधारण प्रदर्शन से देशभर में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। ‘गोल्डन गर्ल’ और ‘उड़नपरी’ के नाम से मशहूर सीमा ने टाटा स्टील द्वारा कोलकाता में आयोजित विश्व स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 25,000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
रिकॉर्ड समय के साथ पहला स्थान हासिल
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सीमा ने 25,000 मीटर की लंबी दूरी को 1 घंटा 26 मिनट 04 सेकंड में पूरा कर न सिर्फ पहला स्थान प्राप्त किया, बल्कि नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज कराया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से चंबा जिला ही नहीं, बल्कि पूरा हिमाचल प्रदेश गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
पुरस्कार राशि ने बढ़ाया उत्साह
स्वर्ण पदक जीतने पर सीमा को तीन लाख रुपये की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की गई। वहीं, राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने के लिए उन्हें एक लाख रुपये का अतिरिक्त बोनस मिला। इस तरह कुल मिलाकर सीमा को चार लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया, जिसने उनकी मेहनत और समर्पण को सम्मानित किया।
परिवार, कोच और पेसर को दिया श्रेय
अपनी सफलता के बाद सीमा ने अपने परिवार और कोच का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से आधिकारिक पेसर अनीष चंदेल का धन्यवाद किया, जिनकी रणनीति और निरंतर मार्गदर्शन से वह रिकॉर्ड समय हासिल कर सकीं। बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) निवासी अनीष चंदेल ने पूरे रेस के दौरान सीमा को प्रेरित करते हुए सही गति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।
खिलाड़ियों को समान सम्मान देने की मांग
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने सीमा को बधाई देते हुए उनकी उपलब्धि को प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से अपील की कि क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों को भी समान महत्व दिया जाए। उनका कहना था कि जिस तरह क्रिकेट खिलाड़ियों को सुविधाएं और सम्मान मिलता है, उसी तरह एथलेटिक्स सहित अन्य खेलों के खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
लंबित पुरस्कार राशि शीघ्र जारी करने की मांग
मनोज कुमार मनु ने यह मुद्दा भी उठाया कि सीमा से जुड़ी लगभग 35 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, जो शिमला में लंबित है, उसे शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि समय पर सम्मान और आर्थिक सहयोग मिलने से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है और अन्य युवा भी खेलों की ओर प्रेरित होते हैं
प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
सीमा की यह ऐतिहासिक जीत सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों के लिए भी एक मजबूत प्रेरणा बनकर सामने आई है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद दृढ़ संकल्प और मेहनत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई जा सकती है।





















