शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज समग्र शिक्षा निदेशालय में कई नई और आधुनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया। इनमें विद्या समीक्षा केंद्र, शिक्षा दीर्घा, कार्यक्रम प्रबंधन स्टूडियो, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग क्षेत्र, नया सम्मेलन कक्ष और आधुनिक केंद्रीय हीटिंग व्यवस्था शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुविधाएं शिक्षा प्रशासन और शैक्षणिक निगरानी को अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाएंगी।
प्रदेश सरकार ने बीते कुछ वर्षों में शिक्षा को सबसे अहम प्राथमिकता दी है- मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बीते कुछ वर्षों में शिक्षा को सबसे अहम प्राथमिकता दी है, जिसका सकारात्मक असर अब साफ दिखाई दे रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा गुणवत्ता के मूल्यांकन में हिमाचल प्रदेश ने बड़ी छलांग लगाते हुए 21वें स्थान से पांचवां स्थान हासिल किया है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और सरकार की संयुक्त मेहनत को दिया।

उन्होंने बताया कि विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से अब स्कूलों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे पढ़ाई की प्रगति, मूल्यांकन, उपस्थिति, संसाधन और स्कूल प्रबंधन से संबंधित आंकड़े एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। ‘अभ्यास हिमाचल’, स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली और ‘निपुण प्रगति’ जैसे डिजिटल नवाचारों से अब विद्यार्थियों की सीखने की कमियों की पहचान डेटा के आधार पर की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने ‘शिक्षक सहायक’ डिजिटल प्लेटफॉर्म को शिक्षकों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे पढ़ाने से जुड़ी सामग्री और दिशा-निर्देश आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं और शिक्षकों पर प्रशासनिक दबाव भी कम हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य नए भवन बनाने से अधिक, मौजूदा शिक्षा संस्थानों को मजबूत और आधुनिक बनाना है, ताकि ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

उन्होंने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्री-नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल परिसर में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक रहेगी। वहीं शिक्षक अपने मोबाइल फोन स्टाफ रूम या बैग में रख सकेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पाठ्यक्रम में संगीत, संस्कृति और भविष्य से जुड़े विषय जोड़े जाएंगे। शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर भर्तियां की जाएंगी, प्राथमिक स्कूलों में खेल प्रतियोगिताएं शुरू होंगी और वर्ष 2032 तक हर विधानसभा क्षेत्र में उत्कृष्ट स्कूल विकसित किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है
मुख्यमंत्री ने बेहतर तबादला नीति लागू करने, राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों और सीबीएसई स्कूलों के लिए अलग कैडर बनाने की भी जानकारी दी। इस अवसर पर ‘संकल्प वर्कबुक’ का विमोचन भी किया गया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और साक्षरता दर लगभग पूर्ण स्तर तक पहुंच गई है। उन्होंने क्लस्टर स्कूल व्यवस्था, प्रदर्शन सूचकांक में सुधार और मेधावी विद्यार्थियों के लिए जेईई-नीट की मुफ्त कोचिंग जैसी पहलों की जानकारी दी। कार्यक्रम में विधायक, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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