सिधिविनायक टाइम्स, शिमला: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप ने कांग्रेस पर संविधान और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। मीडिया को जारी बयान में कश्यप ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा हाल के दिनों में दिए गए बयान केवल राजनीतिक लाभ के लिए रचे गए “नाटक” हैं और वास्तविकता से उनका कोई लेना-देना नहीं है। कश्यप ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा भाजपा पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाना हास्यास्पद है, क्योंकि इतिहास इस बात का गवाह है कि संविधान को सबसे अधिक आघात कांग्रेस के शासनकाल में ही पहुँचा। उन्होंने याद दिलाया कि आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों का दमन, अनेक राज्यों में अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग और विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव डालने की घटनाएँ कांग्रेस की ही देन हैं।
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भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को संविधान का संरक्षक बताने की कोशिश कांग्रेस की हताशा का संकेत है। उनके अनुसार, कांग्रेस ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों को कभी सशक्त नहीं किया बल्कि केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया। दूसरी ओर, मोदी सरकार ने बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए—चाहे वह पंचतीर्थ का निर्माण हो, संविधान दिवस का व्यापक आयोजन हो या एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून को और मजबूत बनाने का निर्णय। कश्यप ने दावा किया कि भाजपा ने देश के कमजोर और वंचित वर्गों के लिए सम्मान, अधिकार और अवसर सुनिश्चित किए हैं जबकि कांग्रेस केवल घोषणाओं और प्रतीकात्मक राजनीति तक सीमित रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से पूछा कि हिमाचल में उनकी सरकार ने दलित और गरीब वर्गों के लिए अब तक क्या ठोस उपलब्धियाँ दी हैं—इसका जवाब जनता इंतज़र कर रही है। अंत में भाजपा नेता डॉ. सिकंदर कुमार ने भी कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर किसी एक दल की संपत्ति नहीं हैं, लेकिन उनके नाम पर राजनीति करने का नैतिक अधिकार कांग्रेस ने अपने कार्यकालों में खो दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ही आज वास्तविक अर्थों में अंबेडकर के विचारों को नीति और शासन का आधार बना रही है।





















