धर्मशाला के तपोवन विधानसभा परिसर के बाहर आज कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने भाजपा के खिलाफ जोरदार विरोध किया। परिसर में ‘भाजपा भगाओ-बेटी बचाओ’ के नारे लगाए गए। कांग्रेस नेताओं ने तख्तियां उठाकर आरोप लगाया कि भाजपा कानून-व्यवस्था पर बाहर सवाल उठाती है, लेकिन उसके ही नेता सदन में नियम तोड़कर माहौल खराब करते हैं।
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठकर शांतिपूर्ण धरना दिया। उनका कहना था कि भाजपा जिन मुद्दों पर सरकार को घेर रही है, वही समस्याएं उनके अपने विधायकों के व्यवहार में भी दिखती हैं। उन्होंने ‘फँसे हुए विधायकों’ वाली घटना को राज्य की व्यवस्था पर सवाल उठाने वाला बड़ा मामला बताया और कहा कि भाजपा को पहले अपनी पार्टी में अनुशासन लाना चाहिए।
इस विरोध में मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष और फतेहपुर के विधायक भावानी सिंह पठानिया, मंत्री चंद्र कुमार, लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। सभी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह जनता को भ्रमित करने वाले बयान दे रही है और सदन की गरिमा को नुकसान पहुँचा रही है।
कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास करती वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, लेकिन उसके अपने विधायक नियमों की परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना सभी चुने हुए नेताओं की जिम्मेदारी है, लेकिन “जो लोग कानून की बात करते हैं, वही इसे सबसे ज़्यादा तोड़ते हैं।” नेगी ने बताया कि तख्तियों के साथ किया गया यह विरोध जनता को भाजपा का “दोहरा चेहरा” दिखाने के लिए था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास करती है, लेकिन अनुशासनहीनता और गलत कामों पर चुप रहना संभव नहीं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा को पहले अपने व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए, फिर कानून-व्यवस्था पर टिप्पणी करनी चाहिए।





















