सिधिविनायक टाइम्स: शिमला। हिमाचल प्रदेश की मौजूदा रोजगार स्थिति को लेकर भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कसौली विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान मेला जालपा माता, हरीपुर के समापन समारोह में शामिल हुए कश्यप ने कहा कि राज्य में भर्ती व्यवस्था पिछले तीन वर्षों में पूरी तरह चरमरा गई है और सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ग्राम प्राथा खुर्द में सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया और पंचायत घर सामुदायिक केंद्र हरीपुर का उद्घाटन किया। इस मौके पर पूर्व विधायक डॉ. राजीव सहजल, जिला अध्यक्ष रतन पाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।सांसद कश्यप ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2022 से फरवरी 2025 तक हजारों पदों के लिए अधिसूचनाएं तो जारी की गईं, लेकिन नियुक्तियों की संख्या नाममात्र रही। उन्होंने कहा कि आज भी हजारों युवा परिणाम और नियुक्ति पत्रों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं दिखती। उनका कहना था कि राज्य चयन आयोग लगभग निष्क्रिय अवस्था में है और उसकी ओर से बहुत कम परीक्षाएँ आयोजित की गईं, जिससे स्पष्ट है कि सरकार ने जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया को धीमा कर दिया है।
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कश्यप ने यह भी कहा कि पूर्व कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विज्ञापित कई पद अभी तक खाली हैं और सरकार इन भर्तियों को लेकर कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं दे पा रही। लोक सेवा आयोग को स्वीकृत 98 नए पदों का विज्ञापन अब तक जारी न होना भी उनके अनुसार सरकार की लापरवाही दर्शाता है। उन्होंने विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग की खराब स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी होने के बावजूद भर्तियाँ अटकी हुई हैं। जिलावार भर्ती आंकड़ों का हवाला देते हुए कश्यप ने कहा कि कई जिलों में नियुक्तियाँ शून्य के बराबर हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक नियुक्तियाँ दिखाई गई हैं, जो कांग्रेस सरकार की क्षेत्रीय असंतुलन और भेदभावपूर्ण नीति का संकेत है। उन्होंने कहा कि युवा वर्षों से परीक्षाएँ देकर परिणामों का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन सरकार आंतरिक खींचतान और सत्ता बचाने में उलझकर रोजगार जैसे गंभीर मुद्दों की उपेक्षा कर रही है। सुरेश कश्यप ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को तुरंत गति नहीं दी तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में प्रदेश के युवा और जनता कांग्रेस सरकार को उसकी रोजगार-विरोधी नीतियों के लिए कड़ा जवाब देंगे।





















